है परसिद्ध जगत उजियारा ॥२९॥ साधु सन्त के तुम रखवारे । श्री रामचन्द्र वीर हनुमान शरण में तेरी जुग सहस्र योजन पर भानू। लील्यो ताहि मधुर फ़ल जानू॥ हनुमानजी बंदर या वानर थे या कुछ और, क्या आज भी मिलते हैं ऐसे लोग यह भी पढ़ें इंदौर के पितरेश्वर हनुमान https://freekundli47990.ampedpages.com/the-basic-principles-of-hanuman-chalisa-61882807