इसके बाद सर पर जालीदार टोपी धारण कर एकांत वाले कमरे में नमाज पढ़ने की अवस्था में बैठ जाए. इसलिए साधना से पहले गुरु का मार्गदर्शन और सुरक्षा कवच दोनों के लिए तैयार रहे और साधना में सावधानी बरते. शैव संस्कृति में कहा जाता है कि शिव जहां से भी https://baglamukhi89999.ezblogz.com/64044434/not-known-details-about-how-to-do-vashikaran-kaise-hota-hai