“ये ज़रूरी है कि आँखों का भरम क़ाएम रहे तन्हाई में बैठकर दर्द को अपनी क़लम से लिखता हूँ, तो दर्द को छुपा कर हँसने की कोशिश करता हूँ। तन्हाई की रातों में, दिल के सबसे गहरे कोने में छुपा होता है, कलीम आजिज़ टैग : ज़िंदगी शेयर कीजिए तन्हाई https://youtu.be/Lug0ffByUck